
-पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनायें, अहमदाबाद विमान हादसा पूरे राष्ट्र की साँझी पीड़ा
-स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने संपूर्ण राष्ट्र को एकजुट रहने का किया आह्वान
ऋषिकेश। अहमदाबाद में घटित भयावह विमान हादसे की दुखद व पीड़ादायक खबर ने सम्पूर्ण देश को गहरे शोक और स्तब्धता में डुबो दिया है। यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, यह असंख्य परिवारों के सपनों, रिश्तों और मुस्कानों के अचानक बिखर जाने की एक ऐसी असहनीय पीड़ा है, जिसके सामने सभी स्तब्ध और मौन हैं, इसके बारे में सोचकर ही हृदय सुन्न हो जाता है और आँखें नम हो जाती हैं। जो परिवार डीएनए परीक्षण की प्रतीक्षा में अपने प्रियजनों के शव की पहचान के लिए व्याकुल हैं, उनके लिए यह घड़ी असहनीय पीड़ा से भरी है। ऐसे दुःख में कोई शब्द पर्याप्त नहीं। हम बस उनके साथ प्रार्थनाओं में खड़े हैं। ईश्वर उन्हें शक्ति, धैर्य और संबल प्रदान करें।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आज प्रातः श्रीराम कथा, विशेष हवन और सायं की दिव्य गंगा आरती, इस दर्दनाक हादसे के पीड़ितों की आत्मा की शांति, घायलजनों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ तथा उनके परिवारों को शक्ति, धैर्य और संबल प्रदान करने की प्रार्थना के साथ समर्पित की गई। इस दुःखद घड़ी में संपूर्ण राष्ट्र को एकजुट होने, पीड़ितों के साथ खड़े होने और मानवीय संवेदनाओं को और गहराई से समझने का संदेश स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि यह हादसा न केवल गुजरात की पीड़ा है, यह पूरे भारत की पीड़ा है। यह एक ऐसी क्षति है जिसे केवल आंकड़ों में नहीं बाँधा जा सकता। इसमें वे युवा डॉक्टर शामिल थे जो सेवा भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, वे परिवार शामिल थे जिनका जीवन एक क्षण में बदल गया, और वे मासूम सपने शामिल थे जो अब कभी पूरे नहीं हो सकेंगे।
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े ये युवा चिकित्सक, जो देश के उज्ज्वल भविष्य का प्रतिनिधित्व करते थे, इस तरह से असमय हमसे विदा हो जाएंगे, यह किसी ने भी नहीं सोचा था।
इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी जी का भी निधन अत्यंत दुःखद और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने लंबे समय तक जनसेवा, विकास और सुशासन के लिए कार्य किया। उनके सहज, सरल व कर्मनिष्ठ व्यक्तित्व को देश हमेशा याद रखेगा। परमार्थ निकेतन की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके परिवारजनों के लिए भी संवेदना व्यक्त की गई।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि यह केवल एक हादसा नहीं है, यह मानवता की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला क्षण है। जब कोई एक प्रांत में दुख होता है, तो संपूर्ण भारत उस पीड़ा को साझा करता है। हमें जाति, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर एकजुट होकर करुणा और सहयोग की भावना से आगे आना होगा। यही भारत की असली ताकत है।
स्वामी जी ने माँ गंगा से प्रार्थना की कि वे इस हादसे से प्रभावित हर माँ, हर पिता, हर भाई-बहन, हर बच्चे को शक्ति और धैर्य प्रदान करें। उन्होंने देशवासियों से आग्रह है कि वे एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करें। यह केवल एक मौन नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश है उन शोकाकुल परिवारों के लिए कि वे अकेले नहीं हैं, पूरा राष्ट्र उनके साथ खड़ा है।