
-माननीय मुख्यमंत्री जी की विश्व के 25 से अधिक देशों से आये उच्चायुक्तों व राजदूतों से योग, वेलनेस, आयुर्वेद और हैल्थ व विस्तृत चर्चा
-उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य, दिव्यता, भव्यता के दर्शन करने हेतु धामी जी ने राजदूतों व उच्चायुक्तों को किया आंमत्रित
-स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर धामी परिवार को दी विदाई
-योग, आयुर्वेद, हैल्थ व वेलनेस के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरता उत्तराखण्ड : धामी
ऋषिकेश। रविवार को प्रातःकाल परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश से उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी जी तथा पूरे धामी परिवार ने विदाई ली। यह अवसर परमार्थ परिवार के लिए अत्यंत गौरवशाली रहा, जब प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संगमस्थली परमार्थ निकेतन में सपरिवार स्नेहपूर्वक आगमन हुआ और रात्रिविश्राम के साथ विदा ली।
माननीय मुख्यमंत्री जी का यह आगमन इसलिये भी विशेष रहा क्योंकि वे उन 25 से अधिक देशों से पधारे उच्चायुक्तों, राजदूतों और प्रतिनिधियों से रूबरू हुए, जो भारत की प्राचीन योग, आयुर्वेद और वेलनेस परंपराओं को जानने और अनुभव करने के उद्देश्य से परमार्थ निकेतन आये हैं। मुख्यमंत्री जी ने सभी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों से चर्चा की और उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक विरासत व स्वास्थ्य पर्यटन की अपार संभावनाओं पर विस्तृत से जानकारी दी। उन्होंने सभी अतिथियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड केवल तीर्थ नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य, अध्यात्म और प्रकृति का संगम है और यहां का प्रत्येक गांव किसी तीर्थ से कम नहीं है यहां पर भारतीय संस्कृति की सभी जीवंत विरासत विद्यमान हैं।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी व साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी व उनके परिवार को हिमालय की हरित परंपरा की अनुपम भेंट रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर पर्यावरण व संस्कृति दोनों के संरक्षण का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर जिस दृष्टिकोण को साझा किया, वह अत्यंत दूरदर्शी एवं प्रेरणादायक था। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं अंचल में हेल्थ व वेलनेस सेंटर्स स्थापित कर उत्तराखण्ड को योग और आयुर्वेद के वैश्विक मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी के इस चिंतन से परमार्थ परिवार अत्यंत अभिभूत है।
परमार्थ निकेतन ने इस दिशा में सहभागिता का संकल्प लिया है और उत्तरकाशी में एक हेल्थ व वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर भी विचार विमर्श हुआ। साथ ही परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश भी एक वेलनेस सेंटर के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और जीवनशैली पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने की दिशा में कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तराखण्ड में जो लगभग 100 नर्सरियाँ हैं उनके कुशल संचालन हेतु भी माननीय मुख्यमंत्री जी से चर्चा की। स्वामी जी ने कहा कि यह पहल केवल पर्यावरण संरक्षण की ही नहीं, बल्कि इसके माध्यम से महिला सशक्तिकरण और स्थानीय आजीविका को प्रोत्साहित करने का भी एक अद्भुत प्रयास किया जा सकता है। इन नर्सरियों के माध्यम से हिमालयी औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। उत्तराखण्ड के समृद्ध जैव विविधता और औषधीय परंपरा को देखते हुए यह राज्य भविष्य में ‘हेल्थ और वेलनेस कैपिटल ऑफ इंडिया’ के रूप में उभर सकता है।
इस भेंट के दौरान स्वर्गाश्रम क्षेत्र के समग्र विकास, पार्किंग सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण व आधारभूत संरचना को सशक्त करने की दिशा में भी सकारात्मक चर्चा हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, मुख्यमंत्री जी का नेतृत्व उत्तराखण्ड को योग, आयुर्वेद और सतत विकास के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुंचा रहा है। उनका दर्शन, निर्णय और समर्पण राज्य को ‘स्पिरिचुअल एंड सस्टेनेबल मॉडल’ में परिवर्तित कर रहा है।
परमार्थ निकेतन यह आशा करता है कि योग, आयुर्वेद, स्वदेशी जड़ी-बूटियों और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सरकार द्वारा किये जा रहे ये सार्थक प्रयास शीघ्र फलीभूत होंगे। इन पहलों से उत्तराखण्ड न केवल भारत का, बल्कि सम्पूर्ण विश्व का एक प्रेरणादायक वेलनेस मॉडल बनेगा। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन की यात्रा और 25 से अधिक देशों से आये प्रतिनिधियों के साथ चर्चा एक नई दिशा, नई चेतना और नए उत्तराखण्ड के निर्माण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।