
-इस अवसर पर उनके पिता श्री सुरिंदर कपूर जी और माता निर्मल कपूर जी द्वारा दिये अद्भुत संस्कारों को किया याद
-कपूर परिवार में अध्यात्म व राष्ट्रभक्ति के संस्कारों की गंगा होती है प्रवाहित
ऋषिकेश। प्रसिद्ध अभिनेता अनिल कपूर और जाने-माने फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश पधारे और मां गंगा के तट पर आयोजित दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया। यह अवसर अत्यंत श्रद्धा, भावनात्मक जुड़ाव और भारत की सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी तथा साध्वी भगवती सरस्वती जी के सान्निध्य में अनिल कपूर और बोनी कपूर ने मां गंगा की आरती में सहभाग किया। गंगा आरती की आलौकिक छटा और मंत्रों की दिव्यता ने पूरे वातावरण को भक्ति सें सराबोर कर दिया।
स्वामी जी ने अनिल कपूर और बोनी कपूर का पुष्पहार और रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया तथा अपनी फिल्मों के माध्यम से धर्म, सेवा, संस्कार और संवेदना से युक्त फिल्मों के निर्माण हेतु प्रेरित किया। स्वामी जी ने कहा कि कपूर परिवार भारतीय संस्कृति, सभ्यता और सिनेमा के माध्यम से देश के युवाओं को प्रेरित कर रहे हंै।
इस पावन अवसर पर अनिल कपूर और बोनी कपूर ने अपने माता-पिता, श्री सुरिंदर कपूर जी और श्रीमती निर्मल कपूर जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में जो भी मूल्य, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना है, वह उन्हें अपने माता-पिता से विरासत में मिली है। उन्होंने परमार्थ निकेतन के आध्यात्मिक वातावरण को अत्यंत शांति और प्रेरणा देने वाला बताया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कपूर परिवार न केवल सिनेमा के माध्यम से देश और समाज को दिशा देता रहा है। श्री अनिल कपूर जी और बोनी कपूर जी जैसे कलाकार जब अध्यात्म और संस्कृति की ओर आते हैं, तो वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनते हैं। आज का यह संगम केवल गंगा जल का नहीं, बल्कि संस्कृति, सिनेमा और साधना का मिलन भी है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कपूर परिवार का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय सिनेमा की पहचान केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मकता और संस्कृति के प्रसार का एक सशक्त माध्यम भी है।
अनिल कपूर और बोनी कपूर ने कहा कि परमार्थ निकेतन की दिव्य गंगा आरती का यह अनुभव अपने जीवन की अमूल्य स्मृति के रूप में सदैव संजोकर रखेंगे।
गंगा जी की आरती के पश्चात पूरे वातावरण को देशभक्ति और एकात्मता के भाव से गूंजा उठा।