*मयाली–गुप्तकाशी राज्यमार्ग पर छेनागाड़ में डबल लेन क्लास-ए ब्रिज निर्माण हेतु संयुक्त स्थलीय निरीक्षण*
*ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण व सुरक्षा हेतु वन विभाग द्वारा व्यापक जनसंपर्क अभियान*
आज दिनांक 09 दिसंबर 2025 को प्रभागीय वनाधिकारी रजत सुमन एवं लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम द्वारा मयाली–गुप्तकाशी राज्यमार्ग के अंतर्गत छेनागाड़ स्थित प्रस्तावित डबल लेन क्लास-ए लोडिंग ब्रिज स्थल का निरीक्षण किया गया। बड़ेथ बीट क्षेत्र में किए गए इस निरीक्षण के दौरान भौगोलिक स्थिति, मार्ग चौड़ीकरण की आवश्यकता एवं भविष्य में सुरक्षित व सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु तकनीकी बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की गई।
बधानीताल–छेनागाड़ क्षेत्र का भी निरीक्षण किया गया, जहां नए क्लास-ए ब्रिज के निर्माण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित स्थल का आंकलन किया गया।
*ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता एवं वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण गतिविधियां*
वन विभाग रुद्रप्रयाग रेंज द्वारा आज विभिन्न ग्रामों में जनसंपर्क एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए
*ग्राम कोट तल्ला – महिला मंगल दल व ग्रामीणों के साथ संवाद*
ग्राम कोट तल्ला में वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों एवं महिला मंगल दल की सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें गांव के सार्वजनिक रास्तों तथा घरों के आस-पास झाड़ी कटान, मिर्च–मशाल (Chilli–Torch) जलाने जैसे सुरक्षा उपाय अपनाने, तथा चारा–पत्ती हेतु जंगल में समूह बनाकर जाने के लिए प्रेरित किया गया, महिलाओं को मिर्च मसाला तैयार करने की विधि भी बताई गई, ताकि जंगली जानवरों से बचाव के व्यावहारिक उपायों को अपनाया जा सके।
*ग्राम चन्द्रडुगी – जनसंपर्क एवं वन्यजीव सुरक्षा सुझाव*
ग्राम चन्द्रडुगी में भी ग्रामीणों व महिला मंगल दल से संवाद कर वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण से जुड़े उपाय बताए गए। महिलाओं को समूह में सुरक्षित तरीके से जंगल जाने, सतर्कता बरतने एवं आपात स्थिति में वन विभाग को सूचना देने संबंधी निर्देश दिए गए।
*ग्राम जसोली – जनजागरूकता गोष्ठी*
ग्राम जसोली में वन विभाग द्वारा वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण पर एक जागरूकता गोष्ठी आयोजित की गई।
गोष्ठी में ग्रामीणों को जंगली जानवरों की गतिविधियों के समय सतर्क रहने, घर–आंगन एवं रास्तों में साफ–सफाई रखने, समूह में कार्य करने तथा खतरे की स्थिति में विभाग को तत्काल अवगत कराने
की सलाह दी गई।
वन विभाग द्वारा आगामी दिनों में भी संवेदनशील क्षेत्रों में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम जारी रखने की बात कही गई, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी लाई जा सके और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके
